हैलो दोस्तों,आज हम आपको Lactometer क्या होता है के बारे में बताएंगे। क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि आपके घर में आने वाला दूध शुद्ध है या नहीं और डायरी वाले दूध की शुद्धता को किस प्रकार जांचते हैं। कि यह असली दूध है या पानी। इन सब कामों में हम लैक्टोमीटर यंत्र का प्रयोग कर दूध के असली और नकली होने का पता लगा सकते हैं। Lactometer के बारे में हर एक बात आपको इस पोस्ट में जानने को मिलेगी पोस्ट को पूरा पढ़ें व ध्यान से समझें ।
Lactometer क्या होता है –
Lactometer एक दूधमापी शुद्धता यंत्र है। जिसके द्वारा दूध की शुद्धता को मापा जाता है। लैक्टोमीटर यंत्र के अविष्कारक ‘Liverpool’ के वैज्ञानिक ‘Dicas’ है। दूध की शुद्धता को मापने के लिए Lactometer घनत्व का प्रयोग करता है। यह इटली के महान वैज्ञानिक “आर्कमिडीज के सिद्धांत” पर काम करता है।
Lactometer कैसे बनाया जाता है?
लैक्टोमीटर को कांच से बनाया जाता है। यह एक कांच की नली के समान दिखता है। जो एक तरफ से पतली व दूसरी तरफ से कांच के Bulb जैसा होता है। जिसमें पारा(Mercury) भरा होता है। पारे का उपयोग वजन को एक तरफ लाने के लिए किया जाता है। जिसे लैक्टोमीटर को दूध में डाला जाता है। तो वह पारे से भरी वाली तरफ से भार के कारण एक समान स्थिर रहता है।
Lactometer कैसे काम करता है?
लैक्टोमीटर आर्कमिडीज का सिद्धांत पर कार्य करता है। Lactometer दूध की शुद्धता को घनत्व के द्वारा मापता है। जब हम लैक्टोमीटर यंत्र को दूध में डालते हैं। तो अगर दूध का घनत्व कम आता है तो यानी वह शुद्ध दूध है और अगर घनत्व (Density) ज्यादा प्रदर्शित होता है तो दूध में पानी या कोई और चीज को मिलाया गया है।
Lactometer का उपयोग कैसे करें?
लैक्टोमीटर से दूध की शुद्धता का पता लगाने के लिए सबसे पहले दूध को एक बीकर में डाला जाता है। बीकर को दूध से पूरा भर ले। फिर इसके अंदर लैक्टोमीटर यंत्र को डालें। लेक्टोमीटर पर Scale बना होता है। जहां इसकी Reading लिखी होती है।
लैक्टोमीटर को दूध में डालने पर अगर इसकी रीडिंग 25 से 30 के बीच आती है। तो यह दूध शुद्ध होगा और लेक्टोमीटर दूध के ऊपर ही रहेगा। अगर Lactometer पानी में पूरा अंदर तक डूब जाता है तो इसका मतलब दूध में सिर्फ पानी ही है।
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कई ऐसे लैक्टोमीटर भी होते हैं। जो दूध में कितनी पानी की मात्रा की मिलावट की गई है। यह दर्शाते हैं। साथ ही कई लैक्टोमीटर पर रीडिंग स्केल में “M” या Milk लिखा होता है। जिसका मतलब यंत्र को दूध में डुबाने पर अगर उसका लेवल स्केल पर लिखे Milk के निशान तक आता है तो वह शुद्ध है।
आप अपने हिसाब से इस प्रकार के लैक्टोमीटर यंत्र को भी खरीद सकते हैं। ध्यान रहे गाय के दूध और भैंस के दूध की रीडिंग अलग–अलग होती है। क्योंकि Lactometer सिर्फ भैंस के दूध पर ही सही काम करता है। बाकी पशुओं के दूध पर नहीं।
नोट: लेक्टोमीटर सही से काम कर रहा है या नहीं इसका पता लगाने के लिए लैक्टोमीटर को सबसे पहले पानी में डालें अगर यह यंत्र पूरा डूब जाता है तो आपका यंत्र सही से कार्य करेगा।
Lactometer की कीमत क्या है?
लैक्टोमीटर की कीमत ₹200 से ₹250 के बीच रहती है। आप इसे ऐमेज़ॉन या अपनी नजदीकी किसी दुकान से भी खरीद सकते हैं।
निष्कर्ष –
आखिर में दोस्तों हर दिन मिलावटी दूध की खबरें टीवी पर सामने आती रहती हैं। जिसमें कई लोग अपना मुनाफा कमाने के लिए उसमें पानी,स्टार्ट,शैंपू जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में आपके घर में आने वाले दूध को आप Lactometer से उसकी शुद्धता का पता लगा सकते हैं। मिलावटी दूध हमारे परिवार वालों खासकर छोटे बच्चों के लिए घातक हो सकता है। इसलिए समय–समय पर आपके घर पर आने वाले दूध की शुद्धता(Purity) को जांचते रहे।
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