Internet of things क्या है? और कैसे काम करता है?- हिंदी में

नमस्कार दोस्तों, आज का हमारा विषय Internet of things यानी कि IOT से संबंधित है। जिसमें हम Internet of things क्या है? और आज हम अपने जीवन में इसका उपयोग कैसे कर रहे हैं। इससे जुड़ी सभी बातों को जानेंगे। बता दें कि IOT इंटरनेट पर पूरे विश्व में सबसे चर्चित विषय है। इसलिए इसके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स में सभी इलेक्ट्रॉनिक चीजें शामिल है। जो आपके मोबाइल इंटरनेट से जुड़ी हो वह Smart हो। अब वह डिवाइस Air Conditioner, Smart TV, Camera, Smart Watch, fitness band हो सकती है।

क्या आपको पता है? एक व्यक्ति वर्तमान में 6 से ज्यादा IOT Devices से जुड़ा है। जिनको वह अपने मोबाइल से अपने हिसाब से ऑपरेट कर सकता है। आज ऐसी टेक्नोलॉजी को बनाया जा चुका है। जो आपके पूरे घर को आपके हिसाब से कंट्रोल करती है।

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का घर IOT Network का सबसे बड़ा उदाहरण है। मार्क अपने घर को अपने हिसाब से कंट्रोल करते हैं। प्रत्येक चीज उनके स्मार्टफोन और उनकी आवाज़ से कंट्रोल की जाती है। चाहे वह Kitchen या फिर Room हो। (IOT) Internet of things का मकसद हमारे जीवन को आसान और सुखद बनाना है।

परंतु IOT के इस मकसद के पीछे भी कुछ नकारात्मक परिणाम छिपे हैं। जिसके बारे में हम आगे जानेंगे। पहले Internet of things (IOT) के बारे में कुछ तथ्यों पर नजर डालते हैं।

वर्ष 2010 में दुनिया में 9.7 बिलियन IOT Connected Device थी। वही प्रतिवर्ष अब इसमें काफी ज्यादा उछाल देखा गया है। अगर इस वर्ष की बात करें तो 16.4 बिलियन IOT Device पूरे विश्व में इंटरनेट से Connected है। और हर व्यक्ति IOT डिवाइस उपयोग करता है। उदाहरण : Mobile Phone, Smart Tv, Camera, Tablet, AC, Printer इत्यादि।

तो अब आप IOT के बारे में थोड़ा बहुत समझ चुके होंगे। तो चलिए दोस्तों अब IOT (Internet of things) क्या है? इसकी Applications और कैसे काम करता है? चुनौतियां, भविष्य, इसके फायदे और नुकसान से जुड़ी तमाम जानकारी को इस आर्टिकल में जानते हैं।

आपसे प्रार्थना है कि आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। क्योंकि आधा अधूरा ज्ञान सही नहीं होता। हर विषय के बारे में पूरी सटीक जानकारी आपको होनी ही चाहिए।

सामग्री की तालिका::

IOT क्या है? (IOT in Hindi)

IOT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) क्या है?

आसान शब्दों में IOT की फुल फॉर्म ‘Internet Of Things’ है। जिसे हिंदी में ‘वस्तु अंतरजाल’ भी कहते हैं। IOT एक ऐसा नेटवर्क है। जिसमें हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक चीजों को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। उन चीजों का उपयोग इंटरनेट के द्वारा कर हम अपने दैनिक जीवन को सुखद और आसान बना सकें। एक फोन के जरिए अपने घर की हर वस्तु जैसे Television, Air Conditioner, lights समेत पूरे घर को कंट्रोल कर सके।

जैसे घर में जो भी उपकरण हम उपयोग करेंगे। वह आपके निर्देशों का पालन Automatic करें। ऐसे कई उपकरण मार्केट में आ चुके हैं। जैसे CCTV कैमरा आप कहीं से भी अपने घर की सिक्योरिटी पर नजर रख सकते हैं। स्मार्टफोन के द्वारा लाइट्स कंट्रोल, एयर कंडीशनर इत्यादि। यह सभी IOT (Internet of things) ही है। यानी इंटरनेट से जुड़ी चीजें। जिनमें Sensors लगे होते है।

IOT Devices क्या है?

यह ऐसे हार्डवेयर होते हैं। जिसमें किसी डाटा को Send और Receive करने के लिए Sensors का उपयोग किया जाता है। साथ ही यूजर सेंसर से प्राप्त डाटा को अपने स्मार्टफोन पर देख सकता है। जिसे वह डिवाइस को कंट्रोल कर सकता है। सेंसर से प्राप्त जानकारी को इंटरनेट या किसी अन्य नेटवर्क के जरिए यूजर के मोबाइल तक पहुंचाया जाता है।

IOT Device का उपयोग किसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु डिजाइन किया जाता है। कई अलग-अलग Applications में इनका उपयोग किया जा सकता है।

Internet of things डिवाइस के उदाहरण: (example of IOT Devices)

  • Google Smart Home voice controller
  • Camera
  • Smart Light switches
  • Amazon Echo Plus Voice Controller
  • August Doorbell Cam
  • august smart lock
  • foobot detect indoor air pollution

IOT का इतिहास (History of IOT in Hindi)

वर्ष 1990 में john Romkey के द्वारा Toaster को बनाया गया। जिसे इंटरनेट के द्वारा on/off किया जाता था। ठीक इसी वर्ष के बीच में Carnegie Melon University के विद्यार्थियों के द्वारा Coke Vending machine को बनाया गया।

जिसमें सेंसर का उपयोग करते हुए वह यह जान पाए की मशीन में कितनी Coke bottle है और वह इन सेंसरो का उपयोग कर बोतलों के ठंडी होने की जानकारी भी बिना Coke Vending machine के पास अपने कंप्यूटर में जान सकते थे।

इन दो चीजों को बनाने में इंटरनेट का उपयोग हुआ था। जिस वजह से जब Internet of things नाम दुनिया के सामने आया। IOT का मतलब लोगों को पता चला। तब यह माना गया कि विश्व की पहली IOT Device एक Toaster और Coke Vending machine थी।

इसके बाद आगे समय के साथ Internet of things का विकास कैसे हुआ। दुनिया कैसे इसे जानने लगी। IOT का इतिहास अब हम सूचीबद्ध तरीके से जानेंगे। ताकि आसानी से चीजें समझ में आए।

  • वर्ष 1999 में kevin ashton ने इंटरनेट से connected डिवाइस को Internet of things का नाम दिया। उन्होंने यह नाम RFID का प्रयोग p&g Supply Chain में करने हेतु अपने Presentation में किया था। जिसके बाद इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) नाम दुनिया के सामने आया।
  • वर्ष 1999 के पश्चात कई बड़ी टेक कंपनियों के द्वारा इंटरनेट से कनेक्टेड चीजें बनाना शुरू किया।
  • वर्ष 2000 में LG कंपनी के द्वारा स्मार्ट रेफ्रिजरेटर बनाया गया। जो इंटरनेट से कनेक्ट था। फ्रिज के तापमान को मोबाइल से कंट्रोल किया जाता था।
  • वर्ष 2003 तक विश्व की 6.3 बिलियन आबादी 500 मिलियन IOT Device से जुड़ी थी। यानी उस समय लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना शुरू कर चुके थे।
  • वर्ष 2008-09 में स्मार्टफोन, कैमरा, रेफ्रिजरेटर समेत कई चीजें इंटरनेट से जोड़ी जा चुकी थी। क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग लोग करने लग गए थे। इस वर्ष IOT Connected Devices की संख्या में उछाल देखा गया।
  • वर्ष 2009 में विश्व की 6.8 बिलियन आबादी 12.5 बिलियन IOT डिवाइस से जुड़ चुकी थी।
  • वर्ष 2010 में Apple Company के इंजीनियर के द्वारा Nest Labs को बनाया गया। यह एक Home Automation कम्पनी है। जो पूरे घर को Wi-Fi Connected Device की सुविधा देती है। साथ ही Sensors, Smoke Detectors उपकरण भी बनती है। जो IOT पर आधारित है।
  • वर्ष 2010, फरवरी महीने में Ericsson कंपनी के द्वारा रिपोर्ट जारी की गई। जिसमें वर्ष 2020 तक 50 बिलियन डिवाइस का अनुमान लगाया गया।
  • वर्ष 2011 में देखा गया कि प्रति व्यक्ति 3 IOT Connected Device से जुड़ा है। जिससे IP Address की समस्या को भविष्य में देखा गया। इसलिए इस वर्ष IPv6 को लॉन्च किया गया। जिसमें 340 ट्रीलियन आईपी ऐड्रस जनरेट होगे। जिससे प्रत्येक व्यक्ति कितनी भी डिवाइस से जुड़ा रह सकता है। हर डिवाइस का IP Address अलग होगा। IPv6 को अनलिमिटेड आईपी ऐड्रस भी कहा जाता है।
  • वर्ष 2013 में आम व्यक्ति भी स्मार्ट फोन का उपयोग करने लग गए थे और RFID और ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन्स में होना शुरू हो चुका था।
  • वर्ष 2014 में इंटरनेट का उपयोग अत्यधिक बढ़ गया। इस वर्ष को Internet of things का वर्ष माना गया। साथ ही IOT Devices की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह उठना शुरू हो गया था। क्यूँकि इसी वर्ष 1 लाख IOT Things/Devices को हैक कर लिया गया था। जिसमें बड़ी कंपनियों के Printers, Smartphones, Computer शामिल थे।
  • वर्ष 2014,जनवरी में गूगल कंपनी के द्वारा Nest Labs को खरीद लिया गया। एप्पल इंजीनियर और गूगल के बीच यह डील $3.2 बिलियन में हुई। गूगल Home Automation Device मैन्युफ़ैक्चरिंग में आना चाहता था। जिस वजह से यह डील हुई।
  • वर्ष 2014 के अगस्त महीने में IOT Network में 250 से ज्यादा सुरक्षा कमजोरियां खोजी गई। जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपयोग करने वाले यूजर्स के डाटा के लिए चिंता खड़ी करती थी।
  • वर्ष 2015 में IBM (International Business Machine) ने 3 बिलियन डॉलर IOT में निवेश किया। इसने बड़े निवेश ने बड़ी टेक कंपनियों का ध्यान एक बार फिर IOT की तरफ ला दिया।
  • वर्ष 2015 में Apple Watches को लॉन्च किया गया। जिसमें सुरक्षा संबंधी सभी चीजों का ध्यान रखा गया था।साथ ही ऐसी डिवाइस आने पर लोगों का internet connected device पर भरोसा बढ़ा।
  • वर्ष 2022 में IOT connected device का आंकड़ा 16.4 बिलियन है। जो वर्ष 2030 तक 30 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। आज हर तरह की IOT Things/Devices मार्केट में उपलब्ध है।

IOT ecosystem के घटक (Components of IOT Ecosystem)

IOT Ecosystem किस तरह काम करता है। यह सब चीजें आईटी के घटक (Components) पर निर्भर करती हैं।यह एक पूरा प्रोसेस होता है कि आखिर एक IOT Device or thing किस तरह इन Components का उपयोग करते हुए कार्य करेंगे। आइए अब जानते हैं कि यह घटक कौन से हैं।

1. Things or Device

जो भी जो भी Internet of Things पर आधारित डिवाइस होती है। उसमें सेंसर का प्रयोग किया जाता है। सेंसर कई अलग-अलग तरह के होते हैं। जो डाटा को sense करते हैं यानी collect करते हैं। आज तकरीबन सभी डिवाइस में सेंसर होते ही है। चाहे वह एयर कंडीशनर हो या फिर स्मार्टफोन या फिटनेस बैंड।

2. Gateway

IOT में गेटवे का काम दो अलग-अलग तरह के नेटवर्क को क्लाउड से जोड़ना है। मुख्य तौर पर Sensor से प्राप्त डाटा को क्लाउड में पहुंचाना और फिर यूजर के निर्देश पर डिवाइस को कंट्रोल करना गेटवे का काम है। जो दोनों तरफ के नेटवर्क को जोड़ता है। यह एक Router भी हो सकता है।

3. Cloud

Cloud एक सर्वर का समूह है। जिसमें इंटर्नेट के ज़रिए डेटा send और receive किया जाता है। जिससे यूजर उस डाटा को अपने मोबाइल से Access कर पाते हैं। क्लाउड हमेशा 24 घंटे कार्य करते रहते हैं। डाटा को स्टोर और प्राप्त करना सभी कार्य क्लाउड पर मैनेज किया जाता है।

4. Analytics

Analytics में प्राप्त डाटा में से कंपनीज काम की जानकारी को store करती है। जिसका उपयोग नए प्रोडक्ट बनाने या फिर उस प्रोडक्ट को ओर बेहतर करने हेतु उपयोग किया जाता है। इसीलिए सेंसर से प्राप्त डाटा और यूजर की रूचि के हिसाब से वह कितनी बार कितनी अवधि तक Internet of things का उपयोग कर रहा है। बड़ी कंपनीया अपनी Analytics Team के जरिए इन सभी आंकड़ों को Analysis करती है।

5. User-Interface

IOT Devices का उपयोग हम अपने स्मार्टफोन या फिर कंप्यूटर से करते हैं। स्मार्टफोन और डिवाइस दोनों एक दूसरे से Bluetooth या RFID Technology से जुड़े होते हैं। यूजर अपने मोबाइल की स्क्रीन पर IOT Device डाटा को देख सकता है। उस डिवाइस को निर्देश दे सकता है। स्मार्टफोन पर डिवाइस के सभी Functions दिखाई देते हैं। जो User-Interface कहलाते हैं। यानी यूजर एक स्क्रीन पर चीजों को कंट्रोल कर सकता है।

IOT कैसे काम करता है?

IOT कैसे काम करता है?

मान लीजिए आप ऑफिस से आते हैं और आप अपने कमरे की Lights, Air Conditioner, और Geyser को अपने अनुसार नियंत्रित करना चाहते हैं। तो ऐसे में आप यह कैसे करोगे? जी हां यह सब चीजें Internet of things के जरिये Automatically कंट्रोल होगी और यह कैसे काम करती है? चलिए जानते हैं।

एयर कंडीशनर में लगे सेंसर एक निश्चित समय पर उसी तरह काम करेंगे। जैसे आपने उन्हें निर्देश दिए हैं। सेंसर जानकारी को एक खास तरह के प्रोटोकॉल के जरिए gateway तक पहुंचाते हैं। यह प्रोटोकॉल MQTT जो एक मशीन-टू-मशीन नेटवर्क प्रोटोकोल है और साथ ही HTTP जो की जानकारी को नेटवर्क तक पहुंचाने हेतु उपयोग किया जाता हैं।

Gateway इंटरनेट, ब्लूटूथ, वाईफाई कनेक्टिविटी के जरिए डाटा को क्लाउड सर्वर तक पहुंचाता है। जहां आपके घर आने का समय, एयर कंडीशनर का तापमान, दिनांक सभी जानकारी स्टोर होती है। यह सर्वर इन डेटा को एक बार सेट करने पर बिना यूजर के दखल दिए प्रतिदिन कार्य करवा सकता है।

क्लाउड सर्वर से जानकारी Real-Time में आपके मोबाइल तक पहुंचती रहती है। जिसमें मौजूद IOT Apps से आप डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं। सभी चीजें दोबारा सेट कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया इसी तरह कार्य करती है। Cloud Server में जो Data सेंसर collect करते है। उसका उपयोग User-Experience को बेहतर करने के लिए कंपनी करती है।

हर तरह की IOT Devices में सभी घटकों (Components) का उपयोग होता है। सभी डिवाइस में कई प्रकार के Sensors का उपयोग किया जाता है। अलग-अलग Applications के लिए कई अलग तरह की IOT Devices का उपयोग किया जाता है।

IOT Architecture क्या है? (Internet of things Architecture in Hindi)

IOT Architecture क्या है?

IOT में आर्किटेक्चर का मतलब कि अगर हमें कोई IOT Project मिलता है। तो उसमें कौन सी Layers Functions होनी चाहिए। आमतौर पर जो एक बेसिक IOT Layers Architecture है। उसमें तीन Layers होती हैं। जो कि इस प्रकार है।

  • Perception Layer
  • network layer
  • application layer

परंतु हाल ही में इन लेयर के साथ 2 Layers को ओर जोड़ा गया है। जो 5 layer IOT architecture कहलाती है। यह लेयर Middleware layer और Business layer है। ऐसे आर्किटेक्चर को आईओटी प्रोजेक्ट के हिसाब से सबसे बढ़िया आर्किटेक्चर कहा गया है। तो चलिए अब इन लेअर्स का क्या काम है। इन layers Functions की क्या भूमिका होती है। विस्तार से जानते हैं।

1. Perception Layer

यह iOT Architecture की सबसे पहली लेयर है। इसे ‘डिवाइस लेयर’ भी कहते हैं। इसमें वह सभी Sensors/Device मौजूद होते हैं। जो जानकारी को स्टोर करते हैं। किसी भी Applications के लिए इन्हें सेट किया जाता है। सभी प्रकार के सेंसर इसमें आते हैं। यह सेंसर डाटा को अगली लेयर में भेजते हैं।

2. Network Layer

इस लेयर को ‘Communication Layer’ भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें Connectivity संबंधित कार्य होते हैं।जिसमें इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है। इस लेयर का मुख्य काम Perception Layer और Middleware Layer के बीच कनेक्शन स्थापित करना है। सेंसर से प्राप्त जानकारी इंटरनेट का उपयोग कर Middleware Layer तक जाती है।

3. Middleware Layer

Middleware Layer में जानकारी को Process किया जाता है। यानी कि पूरा डाटा क्लाउड सर्वर में स्टोर कर उसकी Processing की जाती है। ताकि यूजर मोबाइल ऐप्स की मदद से सेंसर से Collect data को क्लाउड सर्वर से सीधा Access कर सके। जो भी एकत्रित जानकारी होती है। उसे Middleware Layer ही Process करती है।

4. Application layer

अलग-अलग Applications के लिए उपयोग Sensors/Device का डाटा Applications Layer संभालती है। जब सभी Sensors/Device को एक ही मोबाइल से Access किया जाएगा। तो अलग-अलग IOT Things प्रत्येक Applications से संबंधित डाटा को इसी Layer में मैनेज किया जाता है।

5. Business layer

बिजनेस लेयर में डाटा को Analysis किया जाता है। कई अलग-अलग Parameters पर डाटा चेक होता है। यह डाटा यूजर से भी मोबाइल पर शेयर किया जाता है। साथ ही कंपनीज भी बेहतर User-Experience के लिए इस डेटा का उपयोग करती है। इसके लिए बिजनेस लेयर बतौर Flowcharts, Graphs ऑटोमेटिक बनाती चली जाती है। जिससे यूजर और कंपनी दोनो को Data Analysis करने में आसानी होती है।

IOT के अनुप्रयोग क्या है? (IOT Applications in Hindi)

अब हम जानेंगे की IOT का उपयोग किन किन क्षेत्रों और कार्य हेतु किया जाता है। आईओटी का तेजी से विकास इसी बात पर निर्भर है कि ज्यादा से ज्यादा Applications में यह काम कर सके ओर इसलिए वर्तमान में यह हर क्षेत्र में विकासशील है। अब चाहे वह इंडस्ट्रियल, हेल्थ, एग्रीकल्चर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र ही क्यों ना हो।

चलिए जानते हैं आईओटी एप्लीकेशंस क्या है?

1. Healthcare (स्वास्थ्य-देखभाल)

हेल्थ केयर में IOT की सबसे अहम भूमिका है। कई ऐसी आईओटी डिवाइस बनाई गई है। जो सीधा आपके घर से डॉक्टर को स्वास्थ्य संबंधी जरूरी डाटा कलेक्ट कर भेज सकती हैं। जिसमें Smart Wellness Watch, Smart Stethoscope, Smart Pregnancy Belt जैसी डिवाइस शामिल है।

तो वहीं वियरेबल टेक्नोलॉजी जैसे स्मार्ट वॉच , फिटनेस बैंड, एक्टिविटी ट्रैकर में भी कई अलग तरह सेंसर इसका उपयोग हुआ है। जिससे Heart Beat, ECG, Walking स्वास्थ्य से जुड़े खास फीचर्स Internet of things के कारण ही संभव हो पाए हैं। यह डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट रहती है। जिसमें हम डाटा को Analysis कर सकते हैं।

वर्तमान में एप्पल कंपनी के द्वारा बनाई Apple Watches काफी चर्चा में है। जिसमें ECG फीचर्स मिलता है। इससे कई लोगों की जान बची है। सही समय रहते डॉक्टर मरीज पहुंच जाता है। तो वहीं आईओटी का उपयोग हॉस्पिटल में भी कई डिवाइस बड़ी मशीनों में लगी होती है। जो डॉक्टर को मरीज के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उनके मोबाइल तक भेजती रहती है।

2. Industrial (उद्योग)

उद्योगों में IOT Applications का उपयोग कहीं अलग-अलग फील्ड में किया जाता है। जिसमें Manufacturing, Power Plants, Agriculture, Oil/Gas जैसे उद्योगों को सबसे पहली प्राथमिकता दी है। आईओटी में उद्योग संबंधित अनुप्रयोग के लिए खास तौर पर IIOT यानी ‘इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ थिंग्स‘ को बनाया गया है। जिसमें सिर्फ इंडस्ट्रियल यूज़ के लिए ही आईओटी डिवाइसे को बनाया जाएगा। जो कई तरह से उद्योगों को अनावश्यक खर्चों से व उनके समय की बचत भी करेगा।

IIOT का मैन्युफैक्चरिंग में यह कई तरह से फायदेमंद होगा। जो इस प्रकार है:

  • Track and Trace
  • energy Management
  • connected Logistics
  • predictive quality
  • predictive Management
  • Connected manufacturing

3. Agriculture (कृषि)

कृषि कार्यों में Internet of things का उपयोग ज्यादा फायदेमंद है और लोगों के द्वारा IOT System को अपनाया भी गया है। सेंसर के द्वारा ऑटोमेटिक पौधों, फसलों में दवाई और पानी का छिड़काव किया जाता है। साथ ही किस समय, किस दिन, कौन से मौसम में क्या काम होगा। सभी जानकारी मोबाइल एप्स के जरिए किसानों को मिलती है।

उन्ही Apps में से किसान खेतों में लगे सेंसर से प्राप्त जानकारी के मदद से फसल के पकने, मिट्टी में आद्रता की कमी जैसी सभी चीजों का ध्यान रख सकते हैं। साथ ही Drone के द्वारा खेतों की मॉनिटरिंग भी की जा सकती है। आजकल तो लोग drone की मदद से खेतों में दवाई का छिड़काव भी करते हैं।

कृषि में IOT के कई फायदे हैं। जो इस प्रकार है:

  • ड्रोन के द्वारा खेतों की मॉनिटरिंग करना
  • सेंसर के जरिए पानी की व्यवस्था (water management)
  • मिट्टी की आद्रता और उर्वरक क्षमता मापने के लिए सेंसर का उपयोग (Soil Monitoring Sensor)

4. Smart Home

Iot (Internet of things) से पूरे घर की चीजों को एक स्मार्टफोन से या फिर IOT device से कंट्रोल किया जा सकता है। Philips, Sierra wireless, Bosch जैसी कंपनियों ने एक घर को स्मार्ट बनाने हेतु अलग-अलग चीजों के लिए Sensors/Device को बनाया है। जिनकी मदद से आप घर के दरवाजे से लेकर बाथरूम के गीजर को भी कंट्रोल कर सकते हैं।

आईओटी के द्वारा एक घर को स्मार्ट होम में बदलने वाले फीचर में घर की खिड़कियां, दरवाजे को कंट्रोल, गैस/धुएँ को डिटेक्ट करने वाले सेंसर, पूरे घर को एक मोबाइल से कंट्रोल, रिमोट कंट्रोल, इमरजेंसी बटन यह सभी खास फीचर शामिल है। जो इंसान को सुखद और सुविधा पूर्ण अनुभव देंगे। IOt के द्वारा हर डिवाइस को अपने समय अनुसार सेट करने के के फीचर्स भी मिलते हैं।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) की चुनौतियां (Challenges of IOT in Hindi)

किसी भी प्रकार की टेक्नोलॉजी को लोगों के लिए सुरक्षित बनाने हेतु कई कदम कंपनीज और ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा उठाए जाते हैं। परंतु हर प्रकार की सुविधा बिना किसी यूज़र की प्राइवेसी को नुकसान पहुंचाए बड़ी संख्या में लोगों को देना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहता है।

IOT भी ऐसी ही कई अलग-अलग चुनौतियां हैं। जिसमें लोगों को प्रोडक्ट संबंधी बेहतर सेवा से लेकर उनके डाटा को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी इन कंपनीज पर होती है। आइए वह कौन सी चुनौतियां हैं। जिनके बारे में सही समाधान ढूंढने पर आने वाले वर्षों में लोगों की बढ़ती संख्या और Internet of things का उपयोग सुरक्षित हो सकेगा।

क्योंकि विश्व में वर्ष 2030 तक आईओटी डिवाइस का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या अनुमानित 30 बिलियन तक हो जाएगी। ऐसे में IOT Network को इसका समाधान ढूंढना जरूरी है।

1. Security & Privacy

आईओटी डिवाइस वायरलेस टेक्नोलॉजी पर आधारित है। ऐसे में सेंसर के द्वारा डाटा डिवाइस में से सीधा स्मार्टफोन के पास आता है। कंपनी भी इस डेटा का उपयोग User-Experience को बेहतर करने के लिए करती है। वायरलेस डाटा का आदान-प्रदान करने में सबसे ज्यादा असुरक्षित है।

करोड़ों अरबों लोगों का डाटा जैसे Username, IP Address, Date of Birth जैसी जानकारी कंपनी के पास होती है और यह यूजर से कई App Permission भी मांग लेती है। ऐसे में एक बड़ी संख्या में लोगों की जानकारी को सुरक्षित रखना। इन कंपनीज के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है।

इंटरनेट पर आज कोई भी चीज सुरक्षित नहीं है। हैकर्स के द्वारा बड़ी कंपनी के डाटा को चुराने की कोशिश में निरंतर चलती रहती हैं।

2. Connectivity

जैसा कि आप जानते हैं कि आईओटी सेंसर डाटा को कलेक्ट कर इंटरनेट के माध्यम से हमारे स्मार्टफोन/कंप्यूटर तक पहुंचाते हैं। ऐसे में अगर Connectivity कम होगी: इंटरनेट की गति या ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी से जानकारी भेजने में थोड़ी सी भी दे हो जाती है। तो यह बड़ा नुकसान कर सकती है।

Home Automation में उपयोग Smoke Sensors घर में लगी आग के धुएँ को देरी से पकड़ेंगे। तो कनेक्टिविटी तेज न होने की वजह से आईटी सिस्टम्स को अलार्म ऑन करने में देरी होगी। जिसे तब तक बड़ा नुकसान हो चुका होगा।

3. Power Requirement

IOT में जिन Applications के लिए सेंसर डिवाइस का उपयोग किया जाता है। वह जानकारी को इकट्ठा कर क्लाउड सर्वर और हमारे smartphone तक भेजते हैं। ऐसे में यह पूरी प्रक्रिया वायरलेस होती है। सेंसर के साथ बैटरी का उपयोग होता है। जिसके सहारे जानकारी एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक जाती है।

डेवलपर्स को ऐसी Battery बनानी होगी। जो एक अच्छा Battery Backup प्रदान करें। क्योंकि शुरू में IOT Things महंगी होंगी और यूजर की भी डिमांड होगी कि ऐसी चीजें वह अपने घर या किसी भी क्षेत्र में उपयोग करें। जो लंबे समय तक चले। इसलिए Sensors/Devices में 24 घंटे कार्य करने हेतु Solar energy और wind energy को उपयोग करने को ज्यादा तवज्जो दी जाती है।

बता दें कि भविष्य में Green Power Sources का उपयोग विद्युत बनाने में किया जाएगा। जिस पर विकासशील देशों की सरकारों ने सोलर पैनल पर सब्सिडी देना भी शुरू किया है।

4. IOT Awareness

ज्यादातर लोगों को अभी तक IOT के बारे में ज्ञान ही नहीं है। कईयों के लिए यह एक प्रोजेक्ट की तरह है। हम घर में अपने स्मार्ट टीवी में रिमोट के जरिए Voice Command देकर यूट्यूब पर कोई भी वीडियो प्ले कर सकते हैं। वह भी Internet of things (IOT) का हिस्सा है। सेंसर का उपयोग हर जगह है। इनके द्वारा दो डिवाइस को जोड़ना IOT ही है।

बहुत से लोग अभी भी आईओटी सिस्टम से अनभिज्ञ है। कंपनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों को आईओटी के बारे में बताना और इन्हें अपने घर में उपयोग करने हेतु मनाना है। TV, Refrigerator के अलावा घर को Fully IOT Home Automation अभी सिर्फ कुछ ही शहरों में लोग इसे इंप्लीमेंट करवा रहे हैं।

साथ ही TV, Refrigerator, AC जैसे प्रोडक्ट IOT के फ़ीचर्स पाकर Smart Device के रूप में कार्य करते हैं। हालाँकि इससे इनकी कीमतें भी बढ़ जाती हैं। कंपनी को विज्ञापन और अन्य कई कार्यक्रमों की मदद से लोगों में IOT के उपयोग के फायदों को बताना होगा। जो कि एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।

Internet of things कैसे हमारी मदद करता है?

वर्तमान में पूरे विश्व में 16.4 बिलियन से ज्यादा Iot System काम कर रहे हैं। जिसमें हर तरह की सेंसर डिवाइस हर तरह के एप्लीकेशंस हेतु उपयोग में शामिल हैं। Wearable Technology के द्वारा इस भागदौड़ भरे जीवन में हम स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हुए हैं। लोग Smart watch, fitness band, activity tracker, sleep tracker जैसी डिवाइस का उपयोग करने लगे हैं।

तो वहीं दूसरी तरफ बिजनेस के लिए iot बेहद लाभदायक सिद्ध हुई है। आईओटी प्लेटफॉर्म की मदद से प्रोडक्ट बनाने में कम कीमत लगती है। विद्युत का उपयोग उचित समयनुसार होता है। Process Efficiency भी बेहतर हुई है।

साथ ही लोग थके हारे घर पर आने पर बहुत सुस्त महसूस करते हैं। अगर एक सिस्टम के तहत एयर कंडीशनर अपने आप तापमान सेट करें, गीजर में पानी समय अनुसार गरम हो जाए। इसके अलावा सभी कमरे की Lights on/off हो जब जरूरत हो। तब IOT बेहद मददगार सिद्ध होती है। होम ऑटोमेशन में यह सभी फीचर Internet of things Network में पा सकते हैं।

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के घर में पंखे से लेकर दरवाजे, खिड़कियां सभी चीजें उनके कहने भर से कंट्रोल होती है। तो वहीं कई चीजों का कंट्रोल सिर्फ एक ही रिमोट में दिया गया है। अगर कोई व्यक्ति रिमोट के जरिए सभी चीजों को कंट्रोल करना चाहता है। तो IOT उसके लिए सबसे बढ़िया विकल्प है।

IOT का भविष्य क्या है? (Future of IOT in Hindi)

वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक किए गये सर्वे के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2030 तक 30 बिलियन iot connected device पूरे विश्व भर में होंगी। जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ लोग इन डिवाइस का उपयोग ज्यादा करेंगे। जिससे प्रति व्यक्ति 7 iot connected device का उपयोग करेगा। तो वहीं वर्ष 2025 तक IOT Market (अनुमानित) $1.5 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा।

ऐसे में IOT लगभग हर क्षेत्र में उपयोग होगा। जिसमें लोगों के लिए जॉब्स के अवसर भी दिखेंगे। बता दें कि naukri.com की रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में अकेले इंडिया में 1 लाख 17 हज़ार नौकरियां IOT Developers में निकलेंगी। तो वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका में IOT Developers की मांग तेजी से बढ़ी है। भविष्य में Iot Sector अच्छा वेतन कंपनीज़ देगी।

भविष्य में आईटी का उपयोग किस क्षेत्र में किस तरह से होगा। आइए सूचीबद्ध तरीके से जानते हैं:

  1. Home: chore automation and security
  2. office: security and energy
  3. vehicle: Autonomous vehicles and condition-based Maintenance
  4. cities: public health and transportation
  5. factories: Operations and equipment optimization
  6. retail: automated checkout
  7. human: health and fitness
  8. outside: logistics and navigation

IOT के फ़ायदे (Iot advantage in hindi)

इंटरनेट ऑफ थिंग्स को अपनाने के लिए बहुत से फायदे हैं जो इस प्रकार हैं:

  1. घर और ऑफिस की सुरक्षा को बढ़ाता है। कैमरों के जरिए घर/ऑफिस पर आप सभी चीजों पर नजर रख सकते हैं।
  2. खुद की सुरक्षा के लिए बेहद फायदेमंद स्मार्ट वॉच जैसी डिवाइस में In-built GPS होने की वजह से मोबाइल पर Location Sharing में सहायक।
  3. समय की बचत होती है। बार-बार चीजों को चालू और बंद करने या फिर कई बार हमसे चीजें ऑन रह जाती हैं।दोबारा बंद करने जाते हैं। IOT के जरिए सब मोबाइल से कंट्रोल कर सकते हैं।
  4. IOT का उपयोग करने से Energy saving में खास लाभ। चीजें तभी चालू होगी। जब आप उनके पास होंगे। चाहे वह lights हो या Air Conditioners आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से Iot sensors अपने आप चीजों को उपयोगनुसार on/off कर सकते हैं।
  5. GPS के द्वारा अपने Vehicle या किसी भी चीज को ट्रैक किया जा सकता है। इसका सबसे बढ़िया उदाहरण ऐपल ऐयरटैग है।
  6. ट्रैफिक में CCTV कैमरे की किसी भी वाहन का पिक्चर और सेंसर वाहन की गति का पता लगा लेते हैं। जिससे ट्रैफिक नियमों का पालन करवाने में IOT की अहम भूमिका है।
  7. स्वास्थ्य क्षेत्र में भी Internet of things बेहद फायदेमंद। ऐसे थर्मामीटर मार्केट में आ रहे हैं। जो डिजिटली शरीर का तापमान रिकॉर्ड कर लेते हैं। साथ ही वह जानकारी स्मार्टफोन पर शेयर की जाती है।
  8. बड़ी कंपनियों और संस्थाओं में मशीनें Sensors के उपयोग से तभी कार्य करती है। जब प्रोडक्ट उनकी रेंज में आता है। इसे कंपनी का काफी पैसा जाता है। बिजली कम उपयोग होती है।
  9. internet of things हमारे जीवन को आसान बनाने में बेहद जरूरी है। Sensors के उपयोग से दिव्यांग लोग भी चीजों को जान सकते हैं।

IOT के नुक़सान (Iot disadvantage in hindi)

हर टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान तो होते ही हैं। हालांकि डेवलपर्स नुकसान को कम करने हेतु कार्यरत हैं। चलिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स के नुकसान को जानते हैं।

  1. IOT के द्वारा एक बड़ी संख्या में लोगों का डाटा कंपनीज के पास जाता है। हैकर्स की नजर क्लाउड डाटा पर रहती है। इसलिए सुरक्षा को लेकर IOT चिंता का विषय है।
  2. IOT में ज्यादातर काम मशीन के द्वारा किए जाएंगे। sensors हर चीज को समझ सकते हैं और ऑटोमेटिक कार्य कर सकते हैं। मशीनों में इनका प्रयोग इंसानों का काम कम करता है। जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी।
  3. IOT पूर्ण रूप से इंटरनेट पर निर्भर है। अगर इंटरनेट नहीं तो IOT नहीं। सारी कलेक्ट की हुई जानकारी इंटरनेट के माध्यम से ही शेयर होती है। Real-time Data हम देख पाते हैं। इंटरनेट की तेज गति और इंटरनेट पर पूर्ण निर्भरता IOT को नुकसानदायक बनाती है।
  4. IOT devices का ज्यादा उपयोग है। इंसान को सुस्त बनाता है। इंसान का पूरा जीवन टेक्नोलॉजी पर निर्भर रहेगा। आदत पड़ने से हम अपना कार्य खुद करने में सुस्त महसूस करेंगे। पूरी तरह से Home Automation फायदेमंद होने के साथ-साथ नुकसानदायक भी है।
  5. गवर्नमेंट के द्वारा IOT के लिए कोई नियम और शर्तें नहीं बनाई गई है। यूजर्स का डाटा कुछ App Permission के जरिए डिवाइस कलेक्ट करती रहती है। गवर्नमेंट का हस्तक्षेप जरूरी है।

विश्व की पहली मान्यता प्राप्त IOT Device कौन-सी थी?

वर्ष 1990 में ‘Carnegie Melon University’ के विद्यार्थियों के द्वारा बनाई गई Coke Vending machine को विश्व की पहली IOT Device की मान्यता दी गई थी।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) नाम किसने दिया?

वर्ष 1999 में kevin ashton ने इंटरनेट से connected डिवाइस को Internet of things का नाम दिया।

IOT आर्किटेक्चर की पाँच लेयर कौन-सी है?

आई॰ओ॰टी॰ आर्किटेक्चर की पाँच लेयर इस प्रकार है- 1. Perception Layer 2. Network Layer 3. Middleware layer 4. Application layer 5. Business layer.

IOT के मुख्य घटक कौन-से है?

IOT के पाँच मुख्य घटक है- 1. Things or Device 2. Gateway 3. cloud 4. analytics 5. user-interface

विशेषज्ञों की IOT पर क्या राय है?

IOT पर विशेषज्ञों की राय: वर्ष 2030 तक 30 बिलियन IOT Connected Device पूरे विश्व भर में होंगी।

निष्कर्ष-

आखिर में दोस्तों, आने वाले कुछ ही वर्षों में IOT और इससे जुड़ी कई और टेक्नोलॉजी आने वाली है। इसलिए हमें सभी चीजों से हर समय अपडेट रहना चाहिए। जैसे कि अगर आपने इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा है तो आप यह समझ पाए होंगे कि internet of things उपयोग तो हम सभी अपने घर में पहले से ही कर रहे हैं। अब चाहे वह आपके हाथ में पहना फिटनेस बैंड हो या स्मार्ट वॉच या फिर स्मार्ट टीवी या फिर एक स्मार्टफोन।

परंतु इससे पहले आपको यह ज्ञात नहीं होगा कि यह किस तरह की टेक्नोलॉजी है। अब आप सब कुछ जान चुके हैं कि यह Internet of things है। समय के साथ-साथ हमें यह समझना होगा। कि आखिर इस ऐसी चीज़ों का सही तरह से उपयोग कैसे कर सकते हैं। चाहे वह Remote से अपने smart Tv को Voice commend देना या फिर Fitness Band से कलेक्ट डाटा को अपने स्मार्टफोन स्क्रीन पर Analysis करना। इन सभी चीज़ों को सीखना होगा। क्योंकि टेक्नोलॉजी ही भविष्य है।

अंतिम शब्दों में दोस्तों IOT (Internet of things) क्या है? आर्टिकल कैसा लगा? आपको हमें अवश्य नीचे कमेंट करके बताना होगा। हमारा उद्देश्य अपने पाठकों को IOT की पूरी जानकारी देने का है। ताकि वह एक ही आर्टिकल के माध्यम से पूर्ण ज्ञान IOT या किसी अन्य विषय पर जानकारी प्राप्त करें। आप हमारी सहायता सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों को यह पोस्ट शेयर कर सकते हैं।

मेरा नाम Abhishek है। इस ब्लॉग का संस्थापक और लेखक हूं। मै Yoabby.com पर सभी आर्टिकल को हिंदी भाषा में लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत पहले से ही शौक था। ब्लॉगिंग के द्वारा मैं अपने शौक को भी पूरा कर रहा हूं। और साथ ही YoAbby.com पर आए लोगों को टेक्नोलॉजी के बारे में हिंदी भाषा में आर्टिकल उपलब्ध करवा रहा हूं।

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